ये वो दीपक है,हर किसी दिल मे जलता नहीं है। ये वो दीपक है,हर किसी दिल मे जलता नहीं है।
पर प्रेम की राह आसां कब थी, काश ! कभी ख़ुद को उसकी जगह रखकर सोचा होता...! पर प्रेम की राह आसां कब थी, काश ! कभी ख़ुद को उसकी जगह रखकर सोचा होता...!
इतना भी ना स्वाद ले सारे मसाले भर मुठ्ठी में हम पर ही उड़ेल दे। आंखो में मिर्च की ज इतना भी ना स्वाद ले सारे मसाले भर मुठ्ठी में हम पर ही उड़ेल दे। आंखो मे...
दिल जरा बेचैन हुआ यह थी मोहब्बत मेरी दिल जरा बेचैन हुआ यह थी मोहब्बत मेरी
साथी साथ से मांझी पतवार से होता है, सांची बात पे हिसाब भी बात से होता है। साथी साथ से मांझी पतवार से होता है, सांची बात पे हिसाब भी बात से होता है।
कुछ पहचानी सी लगी शायद मेरी दास्तां कुछ पहचानी सी लगी शायद मेरी दास्तां